जब कैदी जेल में थे, निहत्थे थे, सुरक्षा के अंदर थे, तब वे आराम से जेल में सेंध लगाते हैं और एकमात्र पुलिसकर्मी की हत्या करके भागने में सफल ...
जब कैदी जेल में थे, निहत्थे थे, सुरक्षा के अंदर थे, तब वे आराम से जेल में सेंध लगाते हैं और एकमात्र पुलिसकर्मी की हत्या करके भागने में सफल हो जाते हैं. भागने से नहीं रोक पाए, लेकिन एनकाउंटर तुरंत कर दिया, सफलतापूर्वक. गजब है!
ये वे कैदी हैं जो 2013 में खंडवा जेल से भी फरार हुए थे. दोबारा नौ लोगों की सुरक्षा में सिर्फ एक गार्ड रखा गया था?
मजा देखिए, कैदियों ने सेंध लगाई और सिर्फ नौ सिमी के तथाकथित आतंकी भागे जो कि मुसलमान थे. बाकी सब कैदी वहां पर कल्पवास करने गए हैं. नौ लोग भाग रहे थे, सुरक्षाकर्मी मारा जा चुका था, लेकिन कैदियों का हृदयपरिवर्तन हो गया होगा. इसलिए उन्होंने जेल में ही रहने का फैसला किया.
राज्य सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि सिमी के आरोपियों के पास गन नहीं थी. आइजी साब कह रहे हैं कि आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई यानी एनकाउंटर में मारे गए.
जिस तरह अंडरट्रायल कैदी को पागल हो चुका भारतीय मीडिया आतंकवादी लिखता है, उसी तरह पागल हो चुकी सरकारें एनकाउंटर करवाती हैं.
15-20 साल जेल में सड़कर फिर कोर्ट से निर्दोष साबित हुए युवकों की कहानियां आपने नहीं सुनी हैं? सैकड़ों का जीवन बर्बाद किया जा चुका है.
हालांकि, यह जांच का विषय है कि एनकाउंटर फर्जी है या सही. लेकिन यदि नौ लोगों का एनकाउंटर हो सकता है तो कल को आपका भी हो सकता है. हर फर्जी एनकाउंटर भारतीय संविधान और कानून का भी एनकाउंटर है.
ये वे कैदी हैं जो 2013 में खंडवा जेल से भी फरार हुए थे. दोबारा नौ लोगों की सुरक्षा में सिर्फ एक गार्ड रखा गया था?
मजा देखिए, कैदियों ने सेंध लगाई और सिर्फ नौ सिमी के तथाकथित आतंकी भागे जो कि मुसलमान थे. बाकी सब कैदी वहां पर कल्पवास करने गए हैं. नौ लोग भाग रहे थे, सुरक्षाकर्मी मारा जा चुका था, लेकिन कैदियों का हृदयपरिवर्तन हो गया होगा. इसलिए उन्होंने जेल में ही रहने का फैसला किया.
राज्य सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि सिमी के आरोपियों के पास गन नहीं थी. आइजी साब कह रहे हैं कि आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई यानी एनकाउंटर में मारे गए.
जिस तरह अंडरट्रायल कैदी को पागल हो चुका भारतीय मीडिया आतंकवादी लिखता है, उसी तरह पागल हो चुकी सरकारें एनकाउंटर करवाती हैं.
15-20 साल जेल में सड़कर फिर कोर्ट से निर्दोष साबित हुए युवकों की कहानियां आपने नहीं सुनी हैं? सैकड़ों का जीवन बर्बाद किया जा चुका है.
हालांकि, यह जांच का विषय है कि एनकाउंटर फर्जी है या सही. लेकिन यदि नौ लोगों का एनकाउंटर हो सकता है तो कल को आपका भी हो सकता है. हर फर्जी एनकाउंटर भारतीय संविधान और कानून का भी एनकाउंटर है.